आज का श्लोक

लवणोपहिताः स्नेहाः स्नेहयन्त्यचिरान्नरम्।
तद्धयभिष्यन्द्यरुक्षं च सूक्ष्ममुष्णं व्यवायि च।।
(च.सू. १३/९८)

नमक अभिष्यंदि, अरूक्ष (स्निग्ध), सूक्ष्म, उष्ण और व्यवायी होता है अतः नमक के साथ स्नेहों का प्रयोग करने पर मनुष्य को यह स्नेह शीघ्र ही स्नेहन करता है।