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3 साल ·अनुवाद करना

❄ *@ काही प्रमुख शास्त्रोक्त अगद @* ❄


⚡❄ *सर्व विष नाशक-योग का नाम*💫⚡

०१- अजेय घृत__.

०२- अजित अगद -सर्वविष नाशक.

०३- अमृत घृत-.

०४-अमृत सर्पि-सर्प विष.

०५-ऋषभ अगद-सर्पादि उपद्रव.

०६- औसनस् अगद -सर्वविष.

०७- कल्याणक सर्पि- सर्प विष.

०८- काकाण्डादि योग__.

०९- क्षारागद-सर्वविष.

१०- गंधहस्ती अगद-__.

११- चन्दनादि योग- शोथ.

१२- तार्क्ष्य अगद-सर्पविष.

१३- दशांग अगद- विषोपद्रव.

१४- दूषीविषारि अगद-दूषी विष.

१५- नागदन्त्यादि घृत -गर विष.

१६- पञ्चशिरीष अगद-सर्व विष.

१७- प्राजापत्य अगद-सर्व विष.

१८- बालसूर्य अगद__.

१९- बाह्य अगद__.

२०- महा अगद-सर्प विष.

२१- महागंधहस्ती अगद -सर्व विष.

२२- महासुगन्धित अगद-सर्प विष.

२३- मांस्यादि योग-सर्पविष,शोध .

२४- माहेश्वर अगद-सर्व विष.

२५- मृतसंजीवन अगद_.

२६- यापनाख्य अगद-__.

२७- वंशत्वादि अगद-लूता आदि .

२८- शिव अगद-सर्वविष.

२९- संजीवन अगद__.

३०- सुगन्याख्य अगद__.

३१- सुरसादि योग-सर्प विष.

३२- सूर्योदय अगद-सर्वविष.

३३- हिंग्वादि योग-विषोपद्रव.

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VitthalDube
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3 साल ·अनुवाद करना
इदमखिलमधीत्य सम्यगर्थान् विमृशति योऽविमनाः प्रयोगनित्यः । स मनुजसुखजीवितप्रदाता भवति धृतिस्मृतिबुद्धिधर्मवृद्धः ॥51॥

"जी व्यक्ती एकाग्रचित्त करून या चरक संहिता ग्रंथाचे पहिल्यापासून शेवटपर्यंत पारायण/पठण करून त्यातील अर्थाचे मनन-चिंतन करते व ग्रंथोक्त चिकित्सा प्रयोग रोग्यावर करते ती त्या लोकांना आरोग्यमय जीवन देते आणि स्वतः धैर्यवान, स्मृतिसंपन्न, बुद्धिमान आणि धर्मशील होते."
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