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आज का श्लोक

सत्त्वमात्मा शरीरं चत्रयमेतत्त्रिदण्डवत्।
लोकस्तिष्ठति संयोगात्तत्र सर्वं प्रतिष्ठितम्।।
(च.सू. १/४६)

तीन दण्ड के समान सत्त्व, आत्मा और शरीर है। इनके संयोग से वह लोक अर्थात जीवात्मायुक्त शरीर रहता है और इसी शरीर में सब कुछ प्रतिष्ठित है।